वाणिज्यिक वाहन का डाइमेंशन बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एप्लिकेशन के साथ साथ वाहन का प्रदर्शन समग्र डाइमेंशन के संबंध में काफी बदल जाता है। डाइमेंशन से संबंधित बहुत सारे कानून भी हैं। भारत में सभी मोटर वाहन निर्माताओं को CMVR (केंद्रीय मोटर वाहन नियम) के तहत उल्लिखित कानूनों का पालन करना आवश्यक होता है | नीचे दिए गए अनुभाग हमें विभिन्न डायमेंशन संबंधी शब्दावली के साथ-साथ वाहन के समग्र प्रदर्शन पर उनके प्रभाव को समझने में मदद करेंगे।
Q. व्हीलबेस क्या है?
A. व्हीलबेस दो-एक्सल वाहन के लिए फ्रंट एक्सल के केंद्र से रियर एक्सल के केंद्र के बीच का माप है। मल्टी-एक्सल वाहन के मामले में, व्हीलबेस को फ्रंट एक्सल के केंद्र से ड्राइव और टेंडम एक्सल के मध्य बिंदु तक नापा जाता है।
Q. व्हीलबेस का क्या महत्व है?
A. "वाहन का व्हीलबेस न केवल इसके डायमेंशन को प्रभावित करता है, बल्कि वाहन के समग्र प्रदर्शन को भी प्रभावित करता है जैसेकी-
- टर्निंग सर्कल डायामीटर।
- पावर ट्रांसमिशन की सक्षमता।
- वाहन की स्थिरता।
- टायर लाइफ।
छोटे व्हीलबेस वाले वाहन में डेक की लंबाई कम होने की संभावना होती है, जबकि लंबे व्हीलबेस वाले वाहन में डेक की लंबाई अधिक होती है।
छोटे व्हीलबेस वाहन में छोटे टर्निंग सर्कल डायामीटर के साथ-साथ बेहतर पावर ट्रांसमिशन होता है। लंबे व्हीलबेस वाहन में बेहतर स्थिरता प्राप्त होती है।"
Q. एक ही जीवीडब्ल्यू वाले वाहन के कई व्हीलबेस क्यों होते हैं?
A. वाहन के एक विशेष टन भार सेगमेंट के लिए कई व्हीलबेस हो सकते हैं। व्हीलबेस की अलग-अलग लंबाई विभिन्न प्रकार की वस्तुओं को उनके घनत्व या विशिष्ट गुरुत्वाकर्षण के आधार पर लादने की अनुमति देती है। उदाहरण के लिए, एक छोटा व्हीलबेस उच्च घनत्व वाले सामान जैसे एग्री, सीमेंट, कंस्ट्रक्शन एग्रीगेट आदि के लिए उपयुक्त है। मध्यम घनत्व के सामान जैसे टैंकर, एलपीजी सिलिंडर, रेफर इत्यादि के लिए एक इंटरमीडिएट व्हीलबेस उपयुक्त है। जबकि एक लंबा व्हीलबेस कम घनत्व वाले सामान जैसे एफएमसीजी, व्हाइट गुड्स, ई-कॉमर्स, ऑटोमोबाइल, आदि के लिए उपयुक्त है।
Q. वाहन की समग्र लंबाई का अर्थ क्या है?
A. वाहन की कुल लंबाई उसके सबसे सामने के भाग से सबसे पीछे के भाग तक का नाप है।
Q. क्या ट्रक के लिए अधिकतम स्वीकार्य लंबाई से संबंधित कोई कानून है?
A. भारत में रिजिड ट्रकों के लिए अधिकतम अनुमेय लंबाई 12 मीटर है। ट्रैक्टर ट्रेलरों के मामले में, अधिकतम अनुमेय लंबाई 18.75 मीटर है।
Haulage Truck | Tractor Trailer | |||||||||
General carrier | Container Body | ISO standards shipping containers | Motor vehicle/ Construction equipments | General carrier | ISO standards shipping containers | Motor vehicle/ Construction equipments | ||||
Length | 12 m (39.4 ft) | 12 m (39.4 ft) | 18 m (59 ft) | 18.75 m (61.5 ft) |
Q. ट्रक की समग्र लंबाई का महत्व क्या है?
A. ट्रक की लंबाई ट्रांसपोर्टरों के लिए बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ट्रक की सही लंबाई का चयन काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पेलोड, टायर लाइफ, पावर ट्रांसमिशन सक्षमता, स्थिरता और गतिशीलता को प्रभावित करता है। उदाहरण के लिए एक उच्च घनत्व वाले बोल्डर के लिए एक लंबी लोडिंग डेक की आवश्यकता नहीं है। उसी तरह, हाई वोलुम कंसाइनमेंट जैसे कि रेफ्रिजरेटर को लंबे लोडिंग डेक की आवश्यकता होती है।
Q. वाहन की विभिन्न समग्र लंबाई उसके एप्लीकेशंस को कैसे प्रभावित करती है?
A. "एक विशेष टन भार वाहन के लिए कई लंबाई वाली लोडिंग डेक होती है जो विभिन्न वस्तुओं को उनके घनत्व या विशिष्ट गुरुत्वाकर्षण के आधार पर लोड करने की अनुमति देता है।
एक छोटी लंबाई वाली डेक:
• उच्च घनत्व भार ले जाने के लिए उपयुक्त है।
• बेहतर गतिशीलता और शहरी मूवमेंट के लिए उपयुक्त है।
उदाहरण- रेत, सीमेंट आदि
एक लंबी लंबाई वाली डेक:
• मध्यवर्ती / कम घनत्व वाले सामान ले जाने के लिए उपयुक्त है
• हाइवे मूवमेंट के लिए पसंदीदा।
उदाहरण- कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, कार, एफएमसीजी आदि।"
Q. वाहन की डेक लंबाई केसे नापी जाती है?
A. यह किसी भी वाणिज्यिक वाहन पर उपलब्ध वह लोडिंग क्षेत्र है, जिसे केबिन के पीछे से चेसिस फ्रेम के पिछले छोर तक नापा जाता है।
Q. डेक लंबाई के निहितार्थ क्या हैं?
A. डेक की लंबाई के साथ ट्रक का एप्लीकेशन बदलता है। छोटी डेक रेत और सीमेंट जैसे उच्च घनत्व वाले सामान ले जाने के लिए उपयुक्त है। कोयला और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स प्रोडक्ट्स जैसे कम या मध्यवर्ती घनत्व वाले सामान ले जाने के लिए लंबी डेक की आवश्यकता होती है।
Q. वाहन की विभिन्न डेक लंबाई उसके एप्लीकेशंस को कैसे प्रभावित करती है?
A. "एक विशेष टन भार वाहन के लिए कई लंबाई वाली लोडिंग डेक होती है जो विभिन्न वस्तुओं को उनके घनत्व या विशिष्ट गुरुत्वाकर्षण के आधार पर लोड करने की अनुमति देता है।
एक छोटी लंबाई वाली डेक:
• उच्च घनत्व भार ले जाने के लिए उपयुक्त है।
• बेहतर गतिशीलता और इंट्रासिटी मूवमेंट के लिए उपयुक्त है।
उदाहरण- रेत, सीमेंट आदि।
एक ज़्यादा लंबाई वाली डेक:
• मध्यवर्ती / कम घनत्व वाले सामान ले जाने के लिए उपयुक्त है।
• हाइवे मूवमेंट के लिए उपयुक्त।
उदाहरण- कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, कार, एफएमसीजी आदि।"
Q. वाहन की कुल ऊंचाई केसे नापी जाती है?
A. वाणिज्यिक वाहन की ऊंचाई को सतह से वाहन के ऊपरी भाग जैसे कि केबिन / लोड बॉडी / कंटेनर / टिपर कैनोपी, आदि तक नापा जाता है। यदि कार्गो की ऊंचाई ट्रक से अधिक है, तो जमीन से कार्गो की कुल ऊंचाई वाहन की ऊंचाई कहलाई जाती है।
Q. क्या वाणिज्यिक वाहन की अधिकतम अनुमेय ऊंचाई से संबंधित कोई कानून है?
A. हां, भारत में वाणिज्यिक वाहन की अधिकतम अनुमेय ऊंचाई से संबंधित कानून मौजूद हैं, कृपया नीचे दी गई तालिका देखें:
Haulage Truck | Tractor Trailer | ||||||||
General carrier | Container Body | ISO standards shipping containers | Motor vehicle/ Construction equipments | General carrier | ISO standards shipping containers | Motor vehicle/ Construction equipments | |||
Height | 4 m (13.12 ft) | 4.52 m (14.83 ft) | 4.75 m (15.6 ft) | 4 m (13.12 ft) | 4.52 m (14.8 ft) | 4.75 m (15.6 ft) |
Q. समग्र ऊंचाई के प्रभाव क्या हैं?
A. ज़्यादा ऊंचाई हालांकि बड़ी मात्रा में सामग्री को ले जाने की अनुमति देता है, लेकिन वह गुरुत्वाकर्षण के केंद्र को उपर की और ले जाते हैं, जिसका अर्थ है कि जब वाहन आगे बढ़ता है तब वाहन की स्थिरता कम और हवा के प्रतिरोध को बढ़ाता है। दूसरी ओर कम ऊंचाई, स्थिरता को बढ़ाता है पर माल भरने की जगह को कम करता है।
Q. वाहन की कुल चौड़ाई केसे नापी जाती है?
A. वाहन की चौड़ाई को वाहन की दाई ओर से लेकर बाई ओर तक (पीछे की ओर देखने वाले दर्पणों को छोड़कर) नापा जाता है।
Q. क्या किसी वाणिज्यिक वाहन की अधिकतम स्वीकार्य चौड़ाई से संबंधित कोई कानून है?
A. हां, भारत में वाणिज्यिक वाहन की अधिकतम अनुमेय चौड़ाई से संबंधित कानून मौजूद हैं, कृपया नीचे दी गई तालिका देखें।
Haulage Truck | Tractor Trailer | ||||||||
General carrier | Container Body | ISO standards shipping containers | Motor vehicle/ Construction equipments | General carrier | ISO standards shipping containers | Motor vehicle/ Construction equipments | |||
Width | 2.6 m (8.5 ft) |
Q. ट्रक की चौड़ाई का निहितार्थ क्या है?
A. आमतौर पर वाणिज्यिक वाहन निर्माता और फैब्रिकेटर बड़ी मात्रा में माल के लोडिंग को सुनिश्चित करने के लिए अधिकतम चौड़ाई पसंद करते हैं। हालांकि जरूरत से अधिक चौड़ाई की वजह से ट्रक के चलते समय ज्यादा अस्थिरता, हवा का ज्यादा प्रतिरोध पैदा करता है जिससे गतिशीलता खराब हो सकती है।
Q. आगे और पीछे का ओवरहैंग क्या है?
A. वाहन के व्हीलबेस से परे आगे और पीछे के छोर पर फैले वाहन की लंबाई क्रमशः आगे और पीछे का ओवरहैंग हैं।
Q. क्या आगे और पीछे के ओवरहैंग की अधिकतम लंबाई से संबंधित कोई कानून है?
A. आगे के ओवरहांग की अधिकतम अनुमीत लंबाई वाहन के व्हीलबेस का 40% है, जबकि पीछे के ओवरहांग की अधिकतम अनुमीत लंबाई वाहन के व्हीलबेस की लंबाई का 60% है।
Q. ओवरहैंग के निहितार्थ क्या हैं?
A. लंबे ओवरहैंग से लंबी चेसिस लंबाई मिलती है जिससे लंबा लोडिंग स्पैन मिलता हैं। हालांकि लंबे ओवरहैंग्स से वाहन स्थिरता में कमी आती है। टायर लाइफ कम होता है। क्लीयरेंस सर्कल व्यास लंबा हो जाता है और अप्रोच तथा डिपार्चर एंगल भी कम हो जाता है।
Q. व्हील ट्रैक क्या है?
A. यदि एक्सल के दोनों छोर पर एक टायर लगी हो तो, व्हील ट्रैक दाए टायर ट्रेड की केंद्र रेखा से बाए टायर ट्रेड की केंद्र रेखा तक नापी जाती है। यदि एक्सल के दोनों छोर पर दो टायर लगे हो तो, एक तरफ के दोनों टायरों की मध्य रेखा से दूसरी तरफ के दोनों टायरों की मध्य रेखा तक इसे नापा जाता है।
Q. व्हील ट्रैक के निहितार्थ क्या हैं?
A. "दोनों, छोटे और बड़े व्हील ट्रैक के अपने फायदे और नुकसान हैं।
छोटा व्हील ट्रैक:
• लाभ- लोअर टीसीडी (टर्निंग सर्कल डायामीटर)।
• नुकसान- कम वाहन स्थिरता।
बड़ा व्हील ट्रैक:
• लाभ- उच्च वाहन स्थिरता।
• नुकसान- लंबा टीसीडी।"
Q. वाहन का ग्राउंड क्लियरेंस केसे नापा जाता है?
A. ग्राउंड क्लीयरेंस जमीन से वाहन के सबसे निचले हिस्से (आमतौर पर एक्सल / डिफरेंस) के बीच की दूरी है।
Q. ग्राउंड क्लियरेंस के निहितार्थ क्या हैं?
A. उच्च ग्राउंड क्लीयरेंस के साथ ऑफ रोडिंग क्षमता बढ़ जाती है। उच्च ग्राउंड क्लीयरेंस वाले वाहन में अंडरबॉडी डैमेज की संभावना कम होती है। हालांकि जरूरत से ज्यादा उच्च ग्राउंड क्लीयरेंस से वाहन अस्थिरता हो सकती है।
Q. अप्रोच एंगल और डिपार्चर एंगल क्या है?
A. अप्रोच एंगल रैंप का वह अधिकतम कोण है जो वाहन के किसी भी अंडरबॉडी डेमेज के बगैर सपाट जमीन से रैंप पर चढ़ने की सक्षमता प्रदान करता है। डिपार्चर एंगल रैंप का वह अधिकतम कोण है जो वाहन के किसी भी अंडरबॉडी डेमेज के बगैर सपाट जमीन से रैंप पर से उतरने की सक्षमता प्रदान करता है।
Q. यह ऐंगल्स किसी वाहन की मूवमेंट को कैसे प्रभावित करते हैं?
A. ऊंची अप्रोच और डिपार्चर एंगल से वाहन की ऑफ रोडिंग क्षमता बेहतर होती है।
Q. टैंकर ट्रक क्या है?
A. टैंकर ट्रक एक विशेष फैब्रिकेटेड टैंक है जो थोक में लिक्विड या गैस के परिवहन के लिए एक ट्रक चेसिस पर लगाया जाता है। टैंकरों की विभिन्न श्रेणियां हैं जैसे- पेट्रोलियम, ऑयल और लुब्रिकेंट्स (पीओएल) टैंकर, केमिकल टैंकर, पानी के टैंकर, दूध और गैस टैंकर आदि।
Q. क्या सभी टैंकरों में एक जैसे डिज़ाइन या अलग-अलग डिज़ाइन होते हैं?
A. "टैंकरों को विशेष रूप से विभिन्न प्रकार के लिक्विड या गैसों को ले जाने के लिए डिज़ाइन किया जाता है। पानी के एक टैंकर डिजाइन में काफी सरल हो सकता है जबकि खतरनाक केमिकल ले जाने वाले टैंकरों को कंसाइनमेंट की सुरक्षा से संबंधित सभी कारकों को देखते हुए अधिक परिष्कृत डिजाइन दिया जाता है। ऐसे टैंकरों में सीसीओइ (चीफ कंट्रोलर ऑफ एक्सप्लोसिव) या पेसो (पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन) का अनुमोदन होना चाहिए।"
Q. वाहन के एक विशेष टन के लिए टैंकर की मात्रा कैसे तय की जाती है?
A. "यदि किसी को पानी का परिवहन करना है तो गणना सरल है। एक 10 केएल (10,000 लीटर) का टैंकर 10 टन पानी को समायोजित करेगा। जबकि पेट्रोलियम और डीजल को ले जाने के लिए, कुछ बुनियादी गणनाओं को समझना होगा।
आमतौर पर एम एंड एचसीवी सेगमेंट में टैंकर का आकार 12 केएल से शुरू होता है और 40 केएल तक जाता है। नीचे दि गई कुछ बुनियादी गणना यह समझने के लिए है कि कैसे टैंकरों की मात्रा से किसी तरल के वजन की गणना की जा सकती है।
सूत्र:
द्रव का वजन (टन) = टैंकर का वॉल्यूम (केएल) X द्रव का विशिष्ट घनत्व (टन/केएल ) X उल्लेज (%)
20 KL टैंकर पर किए गए विभिन्न तरल पदार्थों के वजन की गणना:
• पेट्रोल = 20 केएल X 0.745 टन / केएल X 95% = 14.155 टन
• डीजल = 20 केएल X 0.85 टन / केएल X 95% = 16.15 टन
• खाद्य तेल = 20 केएल X 0.93 टन / केएल X 95% = 17.67 टन
• पानी = 20 केएल X 1 टन / केएल X 100% = 20 टन
उल्लेज = टैंकर का वॉल्यूम (% में) जो भरा नहीं है"
Q. टिप्पर किसे कहते है?
A. माइनिंग और कंस्ट्रक्शन के लिए रेत, बजरी, पत्थर, कोयला आदि एग्रीगेट ले जाने के लिए टिप्पर का उपयोग किया जाता है। आमतौर पर टिप्पर एक खुले बॉक्स बॉडी से सुसज्जित होता है जो वाहन के पीछे के छोर पर टिका हुआ होता है जिस में आगे हाइड्रोलिक टिपिंग किट फिट किया जाता है जो बॉडी को उपर उठाता है जिस से माल को ज़मीन पर डंप किया जा सके।
Q. टिप्पर बॉडी का वॉल्यूम किस आधार पर तय किया जाता है?
A. "मल्टीपल जीवीडब्लयू वाले वाहनों को विभिन्न बॉक्स और रॉक बॉडी साइज से फिट किया जाता है। यह स्पष्ट है कि जीवीडब्ल्यू में वृद्धि के साथ बॉडी का आकार बढ़ता रहेगा। तो किस आधार पर अलग अलग बॉक्स साइज को अलग अलग टन के टिप्परो के लिए रखा जाता है?
बॉडी ऐसी मात्रा की होनी चाहिए कि एक बार जब यह अपनी अधिकतम क्षमता से भर जाए, तो कंसाइनमेंट का वजन उपलब्ध पेलोड के बराबर होना चाहिए। कंसाइनमेंट के वजन के हिसाब से बॉडी की साइज का पता लगाने के लिए नीचे की गणना देखें:
सामग्री का वजन (टन) = बॉडी साइज (m³) x सामग्री का घनत्व (टन / m³) x भराव दर (%)
16 m³ के बॉक्स पर किए गए विभिन्न सामग्रियों के वजन की गणना ko dekhe।
गणना:
• कोयला = 16 m³ X 0.83 टन / m³ X 90% = 11.95 टन
• गीली रेत = 16 m³ X 1.9 टन / m³ X 100% = 30.4 टन
• बोल्डर = 16 m³ X 2.6 टन / m³ X 70% = 29.12 टन"
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